The Basic Principles Of baglamukhi
The Basic Principles Of baglamukhi
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प्रत्येक प्राणी स्वयं को अभिव्यक्त करना चाहता है। परिदृश्यमान जगत वस्तुत: मनुष्य की आत्माभिव्यक्ति का ही एक साधन मात्र है और इस आत्माभिव्यक्ति के लिए निजभाषा से श्रेष्ठ अन्य कोई माध्यम नहीं हो सकता। इसलिये यह वेबसाइट निजभाषा और विभिन्न मुद्दों पर स्पष्ट वैचारिक अभिव्यक्ति को समर्पित है।
The Baglamukhi mantra must be chanted through the use of Haldi Mala. Haldi Mala (rosary) is manufactured from bulbs of Turmeric which is considered Among the most purifying herbs in Ayurveda. Turmeric Mala is used to accomplish Anusthan (Specific prayers) and destroy enemies and achieve lawsuits. It's connected to fertility. It is considered auspicious for receiving victory over enemies.
रक्षां करोतु सर्वत्र गृहेऽरण्ये सदा मम॥ ५ ॥
Baglamukhi Mata is one of the intense however benevolent varieties of Goddess Durga who safeguards her devotees here and grants them victory around obstructions. Worshipping Baglamukhi Mata through puja and chanting of mantras has a lot of Rewards:
कवचं यः पठेद् देवि तस्यासाध्यं न किञ्चन।
Chanting of Bagalamukhi beej mantra offers devotees with a terrific good Strength move with the brain, system, and soul. This spiritual mantra removes each of the sorrows and pains of particular person life and guides them for the pathway of results and peace.
प्रातः सायं अरु मध्याना। धरे ध्यान होवैकल्याना।।
मायायुक्ता यथा स्वाहा हृदयं पातु सर्वदा॥ ४ ॥
बीलाक्षर का पाठ जो करहीं। बीज मंत्र तुम्हरो उच्चरहीं।।
धारयेद् दक्षिणे बाहौ नारी वामभुजे तथा॥ ३१ ॥
यद्यपि बगलामुखी कवच के साथ इसकी फलश्रुति का पाठ अनिवार्य नहीं है, फिर भी इसे पढ़ने का विशेष महत्व है–
पीयूषोदधिमध्यचारुविलसद्रक्तोत्पले मण्डपे, सत्सिहासनमौलिपातितरिपुं प्रेतासनाध् यासिनीम्।
यं ध्यात्वा प्रजपेन्मन्त्रं सहस्त्रं कवचं पठेत्॥ २२ ॥
ॐ बगलामुख्यै च विद्महे स्तम्भिन्यै च धीमहि तन्नो बागला प्रचोदयात